औरैया वालों के लिए खुशखबरी मेडिकल कॉलेज केअगस्त माह में पहला MBBS बैच की उम्मीद - .

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औरैया वालों के लिए खुशखबरी मेडिकल कॉलेज केअगस्त माह में पहला MBBS बैच की उम्मीद


उत्तरप्रदेश न्यूज़ 21 संवाददाता औरैया। सेहुद और चिचौली में निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कराने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। कॉलेज में संसाधन, फैकल्टी व स्टाफ के मानकों की जांच के लिए जून में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग(एनएमसी) की टीम निरीक्षण कर सकती है। सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त से एमबीबीएस की सौ सीटों पर प्रवेश शुरू हो जाएगा।
कॉलेज में प्राचार्य डॉ. अरविंद कुशवाहा की तैनाती के बाद सत्र 2023-24 की कक्षाएं शुरू होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। आगामी सात मई को नीट की परीक्षा होगी। जून तक परिणाम आएगा तथा तभी काउंसिलिंग शुरू होने की संभावना है।

कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि 100 सीट के प्रवेश के लिए जो मानक होने चाहिए वह वर्तमान में उनके पूरे हैं। चिचौली स्थित जिला अस्पताल में वर्तमान में 300 बेड की सुविधा है। इसके साथ ही लैब, लेक्चरर हाल, आवास, हॉस्टल आदि संसाधन पूरे कर लिए गए हैं। मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। पहले बैच में 100 सीटों में प्रवेश की तैयारी है। इसके लिए सभी संसाधन व स्टॉफ की मांग की गई है। वह भी शासन से जल्द मिलने की उम्मीद है। बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हों। इसके लिए उन्होंने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। उसी के अनुसार काम किया जा रहा है। यदि निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हो पाया तो चिचौली अस्पताल की 100 बेड विंग, एमसीएच विंग को मिलाकर पहले बैच की पढ़ाई शुरू करा दी जाएगी।
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इन पदों पर होनी है तैनाती
- पढ़ाई शुरू होने के पहले प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य पदों पर नियुक्ति की जाएगी। आउटसोर्स के पदों पर जल्द नियुक्ति होगी। जबकि सीनियर रेजीडेंट, जूनियर रेजीडेंट, मेडिकल ऑफिसर, चीफ फार्मासिस्ट, डेंटल टेक्नीशियन व फार्मासिस्ट आदि के पद भी मानक के अनुसार भरे जाएंगे। आउटसोर्स में डिप्टी लाइब्रेरियन, मेडिकल सोशल वर्कर, काउंसलर, कंप्यूटर ऑपरेटर व डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद शामिल हैं।
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दूर होगी डॉक्टरों की कमी
जिले में डॉक्टरों की भारी कमी है। जिला अस्पताल व सीएमओ के अधीन सरकारी अस्पतालों में करीब 40 फीसदी डॉक्टरों के पद खाली हैं। मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू होते ही डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। प्रशिक्षु छात्र मरीजों के बेहतर इलाज में सहयोग करेंगे। इससे जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों को लंबी लाइनें नहीं लगानी पड़ेंगी।

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