संगठन की कमजोरी से औरैया जिले में कांग्रेस के नहीं बहुरते दिख रहे दिन - .

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संगठन की कमजोरी से औरैया जिले में कांग्रेस के नहीं बहुरते दिख रहे दिन

*संगठन की कमजोरी से औरैया जिले में कांग्रेस के नहीं बहुरते दिख रहे दिन* 

*जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में फिर भी संभावित प्रत्याशी टिकट के लिए सक्रिय*

*औरैया।* पिछले 3 दशक से अधिक समय से औरैया जिले में कांग्रेस पार्टी राजनीति के हाशिए पर पड़ी नजर आ रही है। भले ही कांग्रेस प्रदेश आलाकमान द्वारा संभावित विधानसभा चुनाव में तमाम लुभावने वादे किए जाने के बावजूद भी  संगठनात्मक कमजोरी के चलते कांग्रेस के दिन फिलहाल बहुरते नजर नहीं आ रहे हैं। पिछले लगभग 3 दशक के अंदर खासकर बिधूना व दिबियापुर विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 2 बार 15000 तक मत मिलने के बाद बिधूना विधानसभा क्षेत्र में कई चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी को 3000 से अधिक मत हासिल होते नजर नहीं आए हैं, लेकिन कांग्रेस की राजनीति का बारीकी से परख करने वालों का मानना है, कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशी को जीत के लिए आकर्षक धनराशि उपलब्ध कराए जाने को लेकर हर बार के चुनाव में टिकट हथियाने को लेकर संभावित दावेदारों की फौज सक्रिय हो जाती है।जिले में कांग्रेस का यह भी पुराना इतिहास नजर आ रहा है, कि चुनाव के समय तो प्रत्याशी कांग्रेस का टिकट पाने को उतावले नजर आते हैं, लेकिन चुनाव हारने के बाद अक्सर दूसरे दलों में भविष्य तलाशने चले जाते हैं। इस बार के चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पहले से गल चुकी अपनी जड़ें पुनः जमाने की मंशा से महिलाओं के साथ आम मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के वायदे कर रही है वही संगठन की मजबूती के लिए भी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किए जाने के लिए तमाम शिविर भी लगाए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी धरातल पर देखने में आ रहा है, कि इन सभी प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी का संगठन फिलहाल जिले में आज भी ढाक के तीन पात ही नजर आ रहा है। कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान लोगों के साथ ही जिले की राजनीति का बारीकी से परख करने वालों का कहना है कि यह कटु सत्य है कि संगठन मजबूती के नाम पर कांग्रेस पार्टी मेंं आज तक चाहे जितने प्रयास किए गए हैं लेकिन अधिकांशतः यह प्रयास  सिर्फ कागजी साबित होते नजर आए हैं। इसी के चलते संभावित विधानसभा चुनाव में जिले में कांग्रेस संगठन के पास कोई ऐसा मजबूत वोट बैंक नजर नहीं आ रहा है जिससे कांग्रेस के दिन बहुरने की बात पर लोग सोच सके। भले ही कांग्रेस पार्टी जिले में राजनीति के हाशिए पर नजर आ रही हो लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी में जिले की औरैया बिधूना व दिबियापुर तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए संभावित प्रत्याशियों की लंबी फौज खड़ी नजर आ रही है। इस मामले में जन चर्चा को आम यह है कि कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशी की जीत के लिए चुनाव में बड़ी धनराशि का पैकेज देती है, और शायद इसी के चलते प्रत्येक चुनाव में कांग्रेस पार्टी में टिकट हथियाने के लिए के लिए प्रत्याशियों की लंबी फौज सक्रिय हो जाती है, और इस बार भी संभावित प्रत्याशियों की फौज क्षेत्र में जुटी नजर आ रही है। हालांकि इस जिले का पुराना इतिहास रहा है कि अक्सर अब तक कांग्रेस पार्टी से जो भी चुनाव लड़ता रहा बाद में वह अपना भविष्य तलाशने दूसरे दलों में चला जाता है। ऐसे में आम मतदाता कांग्रेस पर भरोसा जमाने मे कतराता नजर आता है। जिले के कांग्रेसी नेताओं द्वारा लगातार पार्टी की मजबूती के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन चुनाव में कांग्रेस पार्टी चुनाव में क्या गुल खिलाएगी यह चुनाव के बाद ही पता चलेगा।

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