कानपुर में बोले महाना, एक साल में विकसित हो जाएगा डिफेंस कॉरिडोर
उत्तरप्रदेश न्यूज़21 संवाददाता:सूबे के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि कानपुर में डिफेंस कॉरिडोर एक साल में विकसित हो जाएगा। इसके लिए जमीन का इंतजाम हो गया है। लेआउट प्लान तैयार है। उद्यमियों को 25 फीसदी छूट पर भूखंड आवंटित किए जाएंगे। इतनी सस्ती जमीन देश के किसी भी राज्य में नहीं मिलेगी। डिफेंस कॉरिडोर को विकसित करने में आने वाला खर्च उद्यमियों से नहीं लिया जा रहा।
शनिवार को महाना ने साढ़ में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर का निरीक्षण किया। सभा में उन्होंने कहा कि मोदी और योगी सरकार डबल इंजन की तरह विकास कार्यों को गति दे रही है। फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री ने यूपी और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर का तोहफा दिया था। इसके बनने से न सिर्फ रक्षा क्षेत्र समृद्ध होगा, बल्कि यहां के युवाओं को रोजगार मिलेंगे। उद्योग और रोजगार एक-दूसरे के पूरक हैं। कहीं भी उद्योग लगता है तो हजारों रोजगार मुहैया होते हैं। हमारी सरकार ने यह फैसला किया है कि जमीन देंगे तो पांच साल के भीतर उद्योग लगाना होगा। नहीं उद्योग लगाएंगे तो भूखंड आवंटन रद कर दिया जाएगा।
मोदी का सपना साकार हो रहा
मंत्री ने कहा कि पहले प्रदेश में उद्यमी नहीं आना चाहते थे लेकिन औद्योगिक माहौल बना तो तेजी से विकास हो रहा है। बताया कि यहां विकास कार्य पर आने वाले खर्च को भूखंडों की दर में नहीं जोड़ा गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि उद्यमियों को सस्ती दर पर भूखंड मिल सकें और वे आसानी से अपनी इकाई की स्थापना कर सकें। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश दूसरे स्थान पर है। तमिलनाडु हमसे थोड़ा आगे है। उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही पहले नंबर पर होंगे। महाना ने एमकेयू ग्रुप के एमडी मनोज गुप्ता की सराहना की। बताया कि वह यहां 5 हेक्टेयर में करीब 200 करोड़ निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा कुंग आर्मर की निदेशक तत्काल उद्योग लगाने को तैयार हैं। सांसद देवेन्द्र सिंह भोले व विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने भी संबोधित किया।
सरसौल के बाद चकेरी में भी पुल
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद किसी ने डीएफसी बनाने के बारे में नहीं सोचा। सरसौल में पुल स्वीकृत हो गया है। जल्दी ही चकेरी में भी पुल मंजूर कराएंगे। कानपुर को दो साल में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रीनफील्ड का मतलब नया एक्सप्रेस-वे। इसी से इनर रोड लिंक की जाएगी।
यूपी के बेड़े में शामिल होगा डोर्नियर
मंत्री ने कहा कि कानपुर डिफेंस सेक्टर का बड़ा हब है। यहां रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के अलावा एचएएल जैसे संस्थान हैं। एचएएल कानपुर में तैयार हो रहा डोर्नियर विमान प्रदेश के बेड़े में शामिल होगा। हमारी सरकार ने डोर्नियर खरीदने का फैसला लिया है।
213 हेक्टेयर में विकसित होगा कॉरिडोर
यूपीडा के सीईओ अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि चित्रकूट, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़, लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर का प्रस्तावित है। अलीगढ़ में तेजी से काम चल रहा है। वहां करीब 11 उद्यमियों को भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं। कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर के लिए कुल 213 हे. भूमि अधिग्रहीत की जानी है। इसमें 172 हेक्टेयर का अधिग्रहण हो चुका है, जबकि 40 हे. भूमि शेष बची है। इसके लिए प्रक्रिया तेजी से चल रही है। यूपीडा के ओएसडी ओपी पाठक ने बताया कि यहां सड़क, बिजली, फायर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। पानी का इंतजाम नहर से किया जाएगा। उद्यमियों को 25 फीसदी भूमि पर सब्सिडी तब दी जाएगी जब वह 75 फीसदी भुगतान कर देंगे। उद्यमियों को 90 साल के लिए लीज पर भूखंड आवंटित होंगे। प्रत्येक तीस साल में नया एग्रीमेंट होगा। बताया गया कि अभी तक 15 उद्यमियों से भूमि के लिए आवेदन किया है, जिसमें 11 लोगों ने अपनी पहली किस्त जमा कर दी है। उद्यमियों को आवंटित किए जाने वाले 25 हे. के क्षेत्रफल में कुल 94 प्लॉट होंगे। इसमें 10 प्लॉट 5 हे. के, 22 होंगे 2 हेक्टेयर के तो 62 प्लॉट एक हेक्टेयर का होगा। एचएएल के जीएम अपूर्व राय ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर विकसित हो जाने से रक्षा क्षेत्र के उद्योगों को आसानी से कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा। एयर कमोडोर डीबी मुरली, यूपीडा के एसीईओ श्रीषचंद्र वर्मा, वित्त नियंत्रक विश्वजीत राय, मुख्य अभियंता एसएन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
मोदी का सपना साकार हो रहा
मंत्री ने कहा कि पहले प्रदेश में उद्यमी नहीं आना चाहते थे लेकिन औद्योगिक माहौल बना तो तेजी से विकास हो रहा है। बताया कि यहां विकास कार्य पर आने वाले खर्च को भूखंडों की दर में नहीं जोड़ा गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि उद्यमियों को सस्ती दर पर भूखंड मिल सकें और वे आसानी से अपनी इकाई की स्थापना कर सकें। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश दूसरे स्थान पर है। तमिलनाडु हमसे थोड़ा आगे है। उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही पहले नंबर पर होंगे। महाना ने एमकेयू ग्रुप के एमडी मनोज गुप्ता की सराहना की। बताया कि वह यहां 5 हेक्टेयर में करीब 200 करोड़ निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा कुंग आर्मर की निदेशक तत्काल उद्योग लगाने को तैयार हैं। सांसद देवेन्द्र सिंह भोले व विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने भी संबोधित किया।
सरसौल के बाद चकेरी में भी पुल
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद किसी ने डीएफसी बनाने के बारे में नहीं सोचा। सरसौल में पुल स्वीकृत हो गया है। जल्दी ही चकेरी में भी पुल मंजूर कराएंगे। कानपुर को दो साल में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रीनफील्ड का मतलब नया एक्सप्रेस-वे। इसी से इनर रोड लिंक की जाएगी।
यूपी के बेड़े में शामिल होगा डोर्नियर
मंत्री ने कहा कि कानपुर डिफेंस सेक्टर का बड़ा हब है। यहां रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के अलावा एचएएल जैसे संस्थान हैं। एचएएल कानपुर में तैयार हो रहा डोर्नियर विमान प्रदेश के बेड़े में शामिल होगा। हमारी सरकार ने डोर्नियर खरीदने का फैसला लिया है।
213 हेक्टेयर में विकसित होगा कॉरिडोर
यूपीडा के सीईओ अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि चित्रकूट, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़, लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर का प्रस्तावित है। अलीगढ़ में तेजी से काम चल रहा है। वहां करीब 11 उद्यमियों को भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं। कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर के लिए कुल 213 हे. भूमि अधिग्रहीत की जानी है। इसमें 172 हेक्टेयर का अधिग्रहण हो चुका है, जबकि 40 हे. भूमि शेष बची है। इसके लिए प्रक्रिया तेजी से चल रही है। यूपीडा के ओएसडी ओपी पाठक ने बताया कि यहां सड़क, बिजली, फायर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। पानी का इंतजाम नहर से किया जाएगा। उद्यमियों को 25 फीसदी भूमि पर सब्सिडी तब दी जाएगी जब वह 75 फीसदी भुगतान कर देंगे। उद्यमियों को 90 साल के लिए लीज पर भूखंड आवंटित होंगे। प्रत्येक तीस साल में नया एग्रीमेंट होगा। बताया गया कि अभी तक 15 उद्यमियों से भूमि के लिए आवेदन किया है, जिसमें 11 लोगों ने अपनी पहली किस्त जमा कर दी है। उद्यमियों को आवंटित किए जाने वाले 25 हे. के क्षेत्रफल में कुल 94 प्लॉट होंगे। इसमें 10 प्लॉट 5 हे. के, 22 होंगे 2 हेक्टेयर के तो 62 प्लॉट एक हेक्टेयर का होगा। एचएएल के जीएम अपूर्व राय ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर विकसित हो जाने से रक्षा क्षेत्र के उद्योगों को आसानी से कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा। एयर कमोडोर डीबी मुरली, यूपीडा के एसीईओ श्रीषचंद्र वर्मा, वित्त नियंत्रक विश्वजीत राय, मुख्य अभियंता एसएन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
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